देर से ही सही,
लेकिन आना,
और अब जो आना तो बस अकेले ही आना,
न कोई बहाना साथ लाना,
न वो ज़िमेंदारियो का वास्ता लाना,
न वो रंजिशें बीते वक़्त की,
न वो अस्मंजसे साथ रहेने की,
बस तुम चली आना.
देर से ही सही,
लेकिन आना,
और अब जो आना तो बस अकेले ही आना,
न कोई बहाना साथ लाना,
न वो ज़िमेंदारियो का वास्ता लाना,
न वो रंजिशें बीते वक़्त की,
न वो अस्मंजसे साथ रहेने की,
बस तुम चली आना.
What a write up !!!! i am just mesmerized after reading it.
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